एक अनार कई बीमार, बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक, 12 ने जताई मंत्री बनने की दावेदारी, बढ़ी टेंशन

लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शपथ ले ली है. लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार अभी नहीं हुआ है.ऐसे में सबके जेहन में एक ही सवाल है कि नीतीश कुमार की नई सरकार में कैबिनेट में कौन-कौन चेहरे होंगे. इसको लेकर मंथन का दौर जारी है. जदयू, राजद और कांग्रेस का मंथन लगातार चल रहा है कि किसे मंत्री बनाया जाए. तेजस्वी यादव मंत्रियों की लिस्ट लेकर लालू यादव के पास दिल्ली भी पहुंच चुके हैं. माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद नीतीश-तेजस्वी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस के सामने है, जहां मंत्री पद के दावेदारों की संख्या सबसे ज्यादा है.

महागठबंधन सरकार में कांग्रेस के हिस्से में तीन से चार मंत्री पद जा सकता है. क्योंकि कांग्रेस के पास केवल 19 विधायक है लेकिन हैरानी की बात यह है कि 19 में से 12 विधायकों ने मंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है. कांग्रेस के विधायकों ने मंत्री पद के लिए दावेदारी बिहार प्रभारी भक्त चरण दास, प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा से लेकर आलाकमान तक पेश की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि 15 अगस्त के बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के साथ ही महागठबंधन के दूसरे सहयोगी अपने-अपने कोटे के मंत्रियों का नाम फाइनल करने में लग गए हैं.

बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 19 में से 12 विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रभारी मंत्री तक अपनी दावेदारी पेश कर दी है. जिन नामों ने दावेदारी पेश की है, उनमें राजापाकड़ से प्रतिमा दास तो बक्सर से मुन्ना तिवारी, करगहर से संजीव मिश्रा, खगड़िया से छत्रपति यादव, अररिया से अब्दुल रहमान के नाम प्रमुख तौर पर शामिल हैं. इनके अलावा दो विधान पार्षद भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं. ऐसे में एक साथ लगभग एक दर्जन दावेदारों के खड़ा होने से पार्टी में असमंजस की स्थिति बन गई है. तेजस्वी यादव से मिलने के बाद कांग्रेस बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने लालू यादव से भी मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में बनी महागठबंधन की सरकार में हिस्सेदारी को लेकर बातचीत हुई है और उसके मंत्रियों की संख्या सम्मानजनक होगी.

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बता दें कि बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार में जो कैबिनेट तय होगा, उसका फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. नीतीश सरकार में अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. राजद विधानसभा में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. फॉर्मूले के तहत राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. जबकि कांग्रेस को 3 या 4 पद मिल सकता है, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी एक सीट लेने में सफल होगी. वहीं नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. बताया जा रहा है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा.

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