पूर्णिया के इथेनॉल फैक्ट्री में मजदूर की दर्दनाक मौत प्रबंधक ने अपनी गलती छुपाने का किया प्रयास

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बिहार का पहला पूर्णिया में खुला इथनॉल फेक्ट्री में अब हादसों का दौर चालू हो गया है। शुक्रवार सुबह फैक्ट्री में काम करने वाले एक मजदूर की मशीन में दबकर दर्दनाक मौत हो गई। मृत मजदूर रंजीत दास बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के भदौरिया गाँव निवासी निवासी था। वहीं मौत के बाद इथनॉल फेक्ट्री संचालक का अमानवीय चेहरा भी सामने आया। बिना परिजन के आये प्रशासनिक अधिकारियों के मिलीभगत से शव का पोस्टमार्टम भी करवा दिया। पोस्टमार्टम के बाद एम्बुलेंस में शव डालकर बांका भेजी जा रही थी, तभी परिजन मरंगा पहुँचकर एम्बुलेंस रोक हंगामा करने लगे

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अब सवाल यह उठता है की फैक्ट्री संचालक की आखिर क्या मजबूरी थी, या अपनी क्या गलती छुपाना चाहते थे जो परिजन के आने का इंतज़ार भी नहीं कर सके? अमूमन अगर कोई घटना घटती है तो मेडिकल कॉलेगे में 10 बजे के बाद ही कोई पोस्टमार्टम होता है। मगर मजदूर की मौत के बाद 8 बजे तक पोस्टमार्टम भी कर दिया गया। वहीं एम्बुलेंस ड्राइवर ने बताया उसे मेडिकल कॉलेज के एम्बुलेंस हेड का फोन आया और शव को बांका पहुँचा देने को कहा। मतलब साफ है पूरी तरह प्लानिंग कर इस कार्य को अंजाम दिया गया

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अब सवाल यह उठता है कि लाश को लावारिस नहीं था फिर परिजन के गैर महजूदगी में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पोस्टमार्टम कैसे कर दिया।मजूदर की मौत के बाद फैक्ट्री संचालक, पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल कॉलेज इंचार्ज सभी चुप्पी साधे हैं। फैक्ट्री संचालक बहुत बड़े ब्यूरोक्रेट है। पूर्णिया में उनका कर्ता धर्ता विशेष वर्मा नाम का शख्स है।

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