मोटर दुर्घटना एवं कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत मुआवजे की राशि इलेक्ट्रॉनिक मोड से दिए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए परिवहन विभाग के सचिव को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के आलोक में कार्रवाई करने का निर्देश दिया

पटना हाईकोर्ट ने मोटर दुर्घटना एवं कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत मुआवजे की राशि इलेक्ट्रॉनिक मोड / आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से दिए जाने के मामले पर सुनवाई की।जस्टिस ए अमानुल्लाह की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए परिवहन विभाग के सचिव को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के आलोक में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है ।

कोर्ट ने आईसीआईसीआई लॉमबर्ड की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दुर्गेश नंदन सिंह ने बिहार राज्य में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 173 का हवाला देते हुए कोर्ट से अनुरोध किया कि है मोटर दुर्घटना एवं कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत मुआवजे की राशि को इलेक्ट्रॉनिक मोड / आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से पीड़ितों या लाभार्थियों दिए जाने प्रावधान होना चाहिए।

एमिकस क्यूरी अधिवक्ता मृगांक मौली ने सुप्रीम कोर्ट के केस का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा करने का आदेश सभी राज्यों को दिया जा चुका है, लेकिन बिहार में यह लागू नहीं है ।

राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया कि मुआवज़ा राशि को इलेक्ट्रॉनिक एवं अन्य माध्यम से दिया जा सकता है। ऐसा करने में राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है, बीमा कंपनी ऐसा कर सकती है ।

इस मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर,2022 को होगी ।

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