गुरु भगवान का रूप होता हैं, गुरु ही आत्मा का उद्धार करता हैं

खानपुर तहसील के गांव नागोनिया में विशाल सत्संग समागम सम्पन हुआ | सत कबीर की दया न्यूज चैनल के माध्यम से सत्संग में बताया आज संतो की भूमि कही जाने वाली धरती भारत पर अनेको भगवाधारी संत नजर आते हैं, क्या यह सभी सच्चे हैं? क्या धार्मिक ग्रंथो ने इन्ही की महिमा गायी हैं?
अगर नहीं तो हमे कैसे पता लगे कि सच्चा गुरु कौन होता हैं और क्या पहचान होती है, इससे पहले हमें अपने आप से एक सवाल करना चाहिए की हमे गुरु की क्या आवश्यकता हैं?
गुरु से बड़ा इस पूरे ब्रह्मांड में कोई नहीं है, जब वो ब्रह्मशक्ति ईश्वर रुप में होती है तो अपना बनाया नीयम नहीं तोड़ती, और जब गुरु रुप में होती हैं तो सभी नियमों को तोड़ कर अपने भक्तो की रक्षा कर भव सागर पार कर देती हैं, इसलिए गुरु की अति आवश्यक है, पर ऐसा गुरु मिले कहाँ ?
तो उसके लिए ईश्वर प्राप्ति की सच्ची चाह होनी चाहिए, जब ईश्वर कि खोज करेंगे तो तत्वदर्शी संत गुरु मिलेगा जो ईश्वर से मिला देगा!
और वो तत्वदर्शी संत पवित्र धर्मो के पवित्र शास्त्रों के आधार सच्चा ज्ञान बताएंगे यही सच्चे गुरु की पहचान होती है वह हमारे भीतर ही उस अनंत ईश्वर के दर्शन दिक्षा के समय ही करा देता है इसलिए जब तक अपने दिव्य नेत्र से जो गुरु द्वारा मिलता है ईश्वर के दर्शन न करलो किसी भी संत की बातों पर विश्वास मत करना!
क्योंकि ऐसे बहुत संत है जो मंत्र माला, कथा कहानीया द्वारा लोगों के धन का हरण कर अपनी दुकाने खोले बेठे है!
इसलिए सच्चा और पूरा गुरु वही हैं जो ईश्वर की केवल कथा कहानीया न सुनाए बल्कि उससे मीला दे दिखा दे, संत रामपाल जी महाराज ने सत्संग में बताया अगर आपने गुरु धारण किया है परन्तु अभी तक आपने अपने भीतर उस ईश्वर का दर्शन नहीं किया, अनहदनाद नहीं सुना,वो नाम शब्द प्रकट नहीं हुआ, तो अपने आप को निगुरा ही समझना, और ऐसे गुरु का त्याग न कर चिपके रहना बहुत बड़ा महपाप हैं!
निगुरा हमको न मीले पापी मीले हजार,
एक एक निगुरे के सर लख पापी का भार।
इसलिए ईश्वर प्राप्ति के लिए एक सच्चे पूर्ण गुरु की तलाश करे, हेमदास झालावाड़ ने बताया अगर आप को ऐसा गुरु नहीं मिलता है तो सतलोक आश्रम बरवाला जिला हिसार हरियाणा व सतलोक आश्रम सोजत जिला पाली राजस्थान मैं आपका स्वागत करते है यहा आपकी जन्मो से प्यासी आत्मा की प्यास बुझेगी और आप को ईश्वर की प्राप्ति होगी! पूर्ण गुरु तत्वदर्शी संत की प्राप्ति भी होगी तहसील सेवादार राधेश्याम दास, लोकेन्द्र दास के साथ ईश्वर दास, सुरेश दास, लक्की दास,रामबिलास दास, केसरी दास आदि सत्संग सेवादार सेवा करते नजर आए।

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