बर्थडे के दिन ट्रेन से कटकर दो छात्रों की मौत, बिहारशरीफ में रहकर करते थे पढ़ाई

बिहारशरीफ में रहकर पढ़ाई करने वाले दो छात्रों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई । जिसमें एक छात्र का बर्थडे था । उसने फेसबुक पर जन्मदिन को लेकर पोस्ट भी किया था। जिसपर लोगों ने खूब बधाई भी दी । लेकिन क्या पता था कि बर्थडे के दिन ही उसके मौत की खबर आएगी।

दो दोस्तों की मौत एक साथ आई
जिन दोनों छात्र की मौत हुई है वे दोनों आपस में दोस्त थे। उसमें एक नाम अजीत है तो दूसरे का नाम सुमन कुमार है। दोनों अच्छे दोस्त थे । अजीत बिहारशरीफ के नालंदा कॉलेज का था। जबकि सुमन कुमार भी बिहारशरीफ से ही बीए की पढ़ाई कर रहा था। दोनों अलग-अलग किराए के कमरे में रहते थे।

मौत खिंचकर लाया पटना
अजीत और सुमन को मौत खिंचकर पटना लाया था । अजीत एमटीएस की परीक्षा देने पटना गया था । वो जिद करके अपने दोस्त सुमन को भी लेकर पटना गया था। परीक्षा देने के बाद दोनों दोस्त संदलपुर में रह रहे अपने एक साथी के कमरे पर रुक गए। अगले दिन दोनों ट्रेन पकड़ने की बात कहकर संदलपुर से राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन जा रहे थे।

ट्रेन से कटकर मौत
हादसा कैसे हुआ अब तक ये साफ नहीं हो पाया है । लेकिन दोनों की लाश राजेंद्रनगर स्टेशन के पास मौजूद पोल संख्या 539/17 के निकट पड़ा था। माना जा रहा है कि दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई। ट्रेन की चपेट में आने से अजीत का दायां और सुमन का बायां पैर कट गया था। सिर और शरीर में भी गहरे जख्म थे। दोनों के शव डाउन लाइन पर पड़े थे।

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ईयरफोन ने ली जान
जीआरपी ने दोनों के शव के पास से एक मोबाइल बरामद किया है। ईयरफोन भी दोनों शवों पास पड़ा था। जेब से मिले परीक्षा के एडमिड कार्ड से दोनों की पहचान हुई। ईयरफोन लगाकर ट्रैक पार करते या असावधानी के चलते चलती ट्रेन से गिरने पर दोनों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत होने की आशंका जताई गई है।

एडमिड कार्ड से मृतकों की पहचान
मृतक दोनों छात्रों की पहचान एडमिड कार्ड के जरिए हुए। जिसमें अजीत कुमार जमुई जिला के चंद्रदीप थाना के मैनाचाटर गांव के रहने वाले मनोज यादव के पुत्र के तौर पर हुई है। जबकि दूसरे का नाम सुमन कुमार है। सुमन कुमार शेखपुरा जिला के हरिहरी थाने के भलुआ गांव का रहने वाला है । उसके पिता का नाम संजय यादव है ।

इकलौता था सुमन
बताया गया है कि सुमन कुमार मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसके पिता किसान हैं। ट्रेन से कटने पर मौत होने से पल भर में उसके घर का चिराग बुझ गया। वहीं, अजीत कुमार दो भाइयों में सबसे छोटा था। उसे दो बहनें भी हैं। उसके पिता भी खेती-किसानी करते हैं। हादसे के बाद घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है ।

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