संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के दौरान मातृ एवं मृत्यु दर के अनुपात को कम करना पहली प्राथमिकता

IMG 20221021 WA0117 पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

पूर्णिया : स्वास्थ्य विभाग बिहार के सभी अस्पतालों में संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के दौरान होने वाली मातृ एवं मृत्यु दर के अनुपात को कम करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण रणनीति के तहत कार्य कर रहा है। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में गुणात्मक व उत्तरोत्तर सुधार को बनाये रखने के लिए निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण राज्य स्तरीय टीम द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी का स्वास्थ्य विभाग की ओर से नामित यूनिसेफ़ के राज्य मातृ स्वास्थ्य सलाहकार डॉ पवन सिंह जसोत्रिया द्वारा जांच की गई। इस अवसर पर अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी के एमओआईसी डॉ प्रिंस कुमार सुमन, अस्पताल प्रबंधक अभिषेक आनंद, बीएचएम अविनाश कुमार, बीसीएम राजेश कुमार व यूनिसेफ़ के तनुज कौशिक सहित अस्पताल के अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे

IMG 20221012 WA0182 पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

सभी अस्पतालों में मातृ एवं शिशुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध: डीपीएम 

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गर्भवती महिलाओं को प्रसव के बाद जननी बाल सुरक्षा योजना से जोड़ा जाता हैं। ताकि लाभार्थियों को उसका लाभ मिल सके। इसके साथ ही प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत प्रत्येक महीने के 9 एवं 21 को गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच एक अभियान के तहत कराई जाती है। जिसमें गर्भवती महिलाओं का गर्भधारण से लेकर प्रसव पूर्व तक पूर्ण जांच राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल से लेकर ज़िले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर की जाती है

IMG 20221012 WA0168 पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

एसडीएच बनमनखी सभी तरह के मानकों पर उतरा खरा: डॉ पवन सिंह

See also  बिहार : जेल में कैदियों बना रखा था मोबाइल शोरूम, जमीन के नीचे से निकले 35 SmartPhone…

यूनिसेफ़ के राज्य मातृ स्वास्थ्य सलाहकार डॉ पवन सिंह  जसरोतिया ने एसडीएच का निरीक्षण के बाद बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) के तहत जिला अस्पताल के बदले एसडीएच बनमनखी का सुदृढीकरण एवं 24 गुणा 7 की तर्ज पर कार्य करने के लिए मिशन 60 डेज के तहत किया गया है। जिसमें वार्ड एवं बाहर की साफ.सफाई, नाले की उड़ाही, शौचालयों की सफाई, पेयजल की उपलब्धता, भवन की रंगाई व पुताई, अस्पताल में बिजली की आपूर्ति के साथ ही फिडर की उपलब्धता, सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरा, ओपीडी, प्रसव कक्ष, एसएनसीयू, इमरजेंसी रूम, एंबुलेंस व टेलीफोन की उपलब्धता के अलावा प्रसव पूर्व जांच के साथ ही हर तरह की सुख सुविधाओं को सुनिश्चित करना हैं

IMG 20221010 WA0063 पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

गर्भावस्था के दौरान अनिवार्य रूप से प्रसव पूर्व जांच कराना चाहिए: एमओआईसी

अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रिंस कुमार सुमन ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के संबंध में बताया कि प्रसव पूर्व जांच के बाद गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे नवजात शिशुओं की जानकारी मिल जाती हैं। हालांकि गर्भावस्था के दौरान अनिवार्य रूप से रक्त जांच, ब्लड प्रेशर, रक्त की मात्रा एवं अल्ट्रासाउंड जैसे पांच तरह की जांच कराना आवश्यक होता है। वहीं गर्भावस्था में 7 ग्राम से कम रक्त की कमी, गर्भावस्था में मधुमेह का होना, एड्स संक्रमित, अत्यधिक वजन का होना, पूर्व में सिजेरियन प्रसव का होना, उच्च रक्तचाप की शिकायत होने की शिकायत को उच्च जोख़िम गर्भधारण माना गया है।

Leave a Comment