मखाना में नहीं है फल किसान है बेदम

 

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कोढ़ा/ शंभु कुमार

कोढा प्रखंड अंतर्गत किसानों के द्वारा मखाना की खेती वृहद पैमाने पर किया गया है । मखाना खेती कर रहे अमलेश कुमार व मिथुन कुमार भोटिया दमगारा निवासी ने बताया कि मैं अपना घरवार छोर कर  कोढा प्रखंड में फुलवरिया पंचायत अंतर्गत 10 एकड़ खेती किया गया। जिसमे कि मखाना निकालने हेतु मजदूर भिखारी महतो, पहाड़ी महतो, प्रकाश महतो अन्य मजदूरों ने खेते में मखाना का फल निकालने वक्त बताया की इस  बार आपके खेतों में खेत के अनुसार फल नहीं है वही एक एकड़ की बात करें तो एकड़ में मात्र 3 कुन्टल ही मखाना निकल रहा है 

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जिसे देख किसान हैरत में है वही पूंजी की बात करेंगे तो 20 से ₹25000 पर बीघा लीज के अलावे 15 से 20000 पर बीघा खर्च कर खेती कर रहे हैं 10 एकड़ में लगी फसल लागत भी निकलना बड़ा मुश्किल हो गया है ।वही मखाना निकालने वाला मजदूर को ₹30 पर केजी के हिसाब से नगद में देना पड़ रहा है वहीं मखाना की दर की बात करें तो व्यापारियों के द्वारा 7500 रूपये से 8000 रुपए पर क्वींटल के दर से खरीदा जा रहा है जो कि कहीं से भी लाभ दिखता हुआ नहीं दिख रहा है ।वही सभी किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है ।

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कई किसान तो यह कहते हुए नजर आए कि अब मैं भविष्य में इस खेती की तरफ कदम कदम भी नहीं बढ़ा पाएंगे सरकार को चाहिए कि मखाना खेती कर रहे किसानों के लिए मखाना के रेट को फिक्स करते हुए इसके स्टाक करने की उचित हेतु अभिलंब उचित पहल कराया जाए। ताकि किसान राहत की सांस ले सकें क्योंकि किसान खेती के सहारे हैं अपनी जीविका चलाने को विवश हैं और खेती पर ही उनका जीवन यापन टिका रहता है।

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